समाज के बिखराव को रोकने के लिए विवाह जिस रूप में भी दिखाई दे, उसे हरेक समाज का अपना स्वयं का सृजन कर्म / सेल्फ करेक्शनल मैथड / नियंत्रण नियमन की प्रणाली, माना जाये! निवेदन ये कि समाजशास्त्रियों के हिस्से में (चर्च प्रेरित टाइप की) अकारथ की उपलब्धिया ना डालीं जायें:)